रोहित धनकर
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को ले कर बहुत विवाद है। आज, 6 मार्च 2020, के द हिन्दू अखबार में की एक खबर के अनुसार “फ्रीडम इन द वर्ल्ड रिपोर्ट 2020” ने भारत को सबसे कम स्वतन्त्रता वाला लोकतन्त्र घोषित किया है। बहुत सी अन्य चीजों साथ इसमें राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का भी महती योगदान बताया गया है। मैं बहुत दिन से समझने की कोशिश कर रहा हूँ कि एनपीआर से क्या क्या समस्याएँ आ सकती हैं। यह सर्वेक्षण इसी प्रयास का एक हिस्सा है।
पर सर्वेक्षण पर आने से पहले अभी के बेहद संवेदनशील माहोल में कुछ कहना जरूरी है।
एक, यह बहुत लोग मानते हैं कि बीजेपी की पार्टी के रूप में नीतियों में समस्याएँ हैं। इन नीतियों के अनुसार सरकार चलाने में भी समस्याएँ हैं। उदाहरण के लिए गौरक्षा और राम मंदिर पर जो कुछ चला है और अभी भी चल रहा है वह एक धर्म निरपेक्ष सरकार के लिए और लोकतन्त्र के लिए गलत है। इसी तरह से बीजेपी के बहुत से नेताओं के हिंसा और घृणा फैलाने वाले बयान भी बहुतायत में हैं, और पार्टी ने उन बयानों पर न तो नेताओं को दंडित किया है, न रोका है और नाही उनकी निंदा की है। हिन्दू राष्ट्र का नारा भी संघ और बीजेपी से संबन्धित लोग बार बार देते रहते हैं। ये सब आज के भारत की समस्याएँ हैं। और ये सभी जानने वाले और लोकतन्त्र में आस्था रखने वाले लोग मानते भी हैं।
दो, ऊपर बिन्दु एक में लिखी बातों के सही होने से इस सरकार की हर चीज गलत नहीं हो जाती। बीजेपी के लोकतन्त्र की धारणा में समस्याओं से सरकार के सभी कानून, सभी काम और अभी योजनाएँ स्वतः ही अलोकतांत्रिक और मुस्लिम विरोधी या उनको निशाना बनाने वाली नहीं हो जाती। अतः समग्र तस्वीर देखने के साथ-साथ तस्वीर के प्रत्येक हिस्से को स्वतंत्र रूप में जाँचने की भी जरूरत है। यह जांच हमें अपने स्तर पर भी करनी चाहिए। जिस तरह सरकार की नीतियों को भक्तिभाव से सही मानलेना लेकतंत्र के लिए खतरनाक है वैसे ही लोकतन्त्र के कथित रखवालों के हर निष्कर्ष को सही मान लेना भी लोकतन्त्र के लिए खतरनाक हो सकता है।
तीन, यह सर्वेक्षण का खाका हमारे अपने स्तर पर जांच करने के लिए बनाया गया है। आज कल फैशन में चल रहे विचारों के विरुद्ध कुछ भी कहदेना और पूछलेना लोकतन्त्र और धर्म-निरपेक्षता विरोधी करार दे दिया जाता है। इस तरह के विचार और निर्णय प्रक्रिया बंद दिमाग की निशानी होते हैं। लोकतन्त्र किसी भी विचार को अंतिम सत्य मन कर नहीं सब विचारों को जांच के काबिल मानने पर ही चल सकता है। लोकतन्त्र के मूल मंत्रों में एक संवाद की छूट और खुलापन है। जो लोग संवाद में विचार या मान्यताओं के विवेचन के स्थान पर व्यक्तियों को लेबल करके संवाद बंद करना चाहते हैं वे जिन्हें स्वतंत्र अभिवक्ती का दुश्मन माना जाता है उन से किसी भी मायने में बेहतर नहीं हैं।
चार, यह सर्वेक्षण भारत के उन नागरिकों को अपने विचार अभिव्यक्त करने के लिए आमंत्रित करता है जओ अभिव्यक्ती की स्वतन्त्रता में विशास रखने हैं, विवेक सम्मत निर्णय लेना चाहते हैं और अपने विचारों की खुली अभिव्यक्ती से डरते नहीं हैं। क्यों कि लोकतान्त्रिक निर्णयों में वेही विचार भूमिका निभा सकते हैं जो अभिव्यक्त किए गए हों। अनभिव्यक्त विचार सामूहिक चिंतन में कोई भूमिका नहीं रखते। अतः सर्वेक्षण में अपना नाम अवश्य लिखें।
पाँच, मैंने कई दिन पहले एक सर्वेक्षण किया था। उस के संदर्भ में एक मित्र ने कहा कि उसने इस लिए भाग नहीं लिया कि पता नहीं मैं इस प्रकार एकत्रित सूचनाओं का किस गलत राजनीती के पक्ष में करूंगा। जो लोग चाहेंगे उन सब को मैं सभी आंकड़े और मेरे निष्कर्ष भेजदूंगा। इस पर भी आप को शक है कि इस सर्वेक्षण के आंकड़ों का गलत इस्तेमाल हो सकता है, मेरे द्वारा तो सर्वेक्षण में भाग मत लीजिये।
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एनपीआर में पूछे जाने वाले सवालों की सूची मैंने एक वैबसाइट से उतारी है। उसका पता यह है: https://indiascheme.com/npr-questions-list/ आप कोई अधिक भरोसेमंद साइट जानते हैं तो जरूर बताएं।
सवालों की सूची दो भागों में है, भाग 1 में वे सवाल हैं जो 2010 के एनपीआर प्रारूप में भी थे। भाग 2 में 2020-21 किन लिए नए जोड़े गए सवाल हैं।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 15 सवालों की सूची
कांग्रेस शासनकाल में 2010 में हुई राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की प्रक्रिया में पूछे गए 15 सवालो की सूची इस प्रकार हैं:
भाग 1:
- व्यक्ति का नाम
- घर के मुखिया से सम्बन्ध
- पिता का नाम
- माता का नाम
- पति का नाम (यदि विवाहित है)
- लिंग
- जन्म की तारीख
- वैवाहिक स्थिति
- जन्म स्थान
- राष्ट्रीयता (घोषित के रूप में)
- सामान्य निवास का वर्तमान पता
- वर्तमान पते पर रहने की अवधि
- स्थायी निवास पता
- व्यवसाय / गतिविधि
- शैक्षणिक योग्यता
वर्ष 2020 में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में जोड़े गए सवाल
भाजपा समर्थित एनडीए शासनकाल में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में जोड़े गए प्रश्नो की सूची इस प्रकार हैं:
भाग 2:
- माता-पिता के जन्म का स्थान
- निवास का अंतिम स्थान
- आधार संख्या
- वोटर आईडी कार्ड नंबर
- मोबाइल फोन नंबर की जानकारी
- ड्राइविंग लाइसेंस नंबर
सर्वेक्षण सिर्फ भाग 2 के सवालों पर है।
यदि इस सर्वेक्षण में आप को कोई ऐतराज न लग रहा हो तो मेहरबानी करके अधिकाधिक लोगों को इसे पूरा करने के लिए प्रेरित करे। आप लिंक कॉपी करके दूसरों को भेज सकते हैं। आशा है मदद करेंगे। यह सर्वेक्षण 15 मार्च 2020 को बंद हो जाएगा।
सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए यहाँ क्लिक करें:
https://www.surveymonkey.com/r/XHLGHGW
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6 मार्च 2020
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